Description
संताड़ी होड़ साँवहेत् (संताली लोक साहित्य) :
अर्थ परिभाषा,भाग-विभाग,संतालों का उद्भव और विकास,गोत्र,विभाजन,गाढ़ विभाजन। (Hindi Edition) Kindle Edition
Hindi Edition by santali horhh sawhent Santhali lok sahitya
(Author) Format: Kindle Edition
# संताली लोक साहित्य और साँवहेत्
संताली लोक साहित्य- यह एक समृद्ध विविधतापूर्ण सांस्कृतिक धरोहर है, इसमें गीत, कहानी, कविताएँ, और नाटक प्रकार की रचनाएँ सम्मिलित हैं। इसका मुख्य उद्देश्य यही है कि वे संताली समुदाय की संस्कृति परंपरा और जीवनशैली को सम्मिलित कर सकें।
# संताली होड़ साँवहेत्
सांवहेत्- (Sanwhed) संताली लोक साहित्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक प्रकार की कविता या गीत है जो आमतौर पर मौखिक परंपरा के माध्यम से पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होती है। सांवहेत् में जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया जाता है, जैसे कि प्रेम, प्रकृति, सामाजिक मुद्दे, और धार्मिक विश्वास।
# विशेषताएँ
संरचना-: सांवहेत् की रचनाएँ आमतौर पर लयबद्ध होती हैं और इनमें छंदों का प्रयोग किया जाता है।
– थीम : यहाँ की रचनाएँ अधिकांशतः स्थानीय जीवन, संस्कृति, और परंपराओं को दिखाती हैं। जैसे धरती, प्रकृति, और पारिवारिक संबंधों का गहरा वर्णन संताली होड़ में होता है।
– प्रदर्शन : सांवहेत् का प्रदर्शन सामुदायिक समारोहों में किया जाता है, जिससे यह सामाजिक एकता को बढ़ावा देता है।
# महत्व-
संताली लोक साहित्य और विशेष रूप से सांवहेत् का अध्ययन न केवल संताली भाषा और संस्कृति को समझने में मदद करता है बल्कि यह भारतीय लोक साहित्य के विविधता को भी उजागर करता है। यह संताली समुदाय की पहचान और उनके जीवन के अनुभवों को संरक्षित करने का एक साधन है. लोककथाएँ, मुहावरे, पहेलियाँ, और मंत्र सहित संताली में साहित्य भी अपने बीच समृद्धता को दिखाता है। यह साहित्य मनोरंजन का सदुपयोग करने वाला नहीं बल्कि शिक्षा और सामाजिक चेतना का भी माध्यम बनता है
santaliebooks@gmail.com –
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