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JSSC CGL SANTALI SYLLABUS

JSSC CGL SANTALI SYLLABUS

 ## JSSC CGL Paper 2 Details

Subject: Regional or Tribal Language (One can opt for Santali or any other regional/tribal language)

Number of Questions: 100

Total Marks: 300

Duration: 2 hours

Question Type: Objective Multiple Choice Questions (MCQs)

Marking Scheme:

i. Correct answer carries 3 marks

ii. Wrong answer carries a penalty of 1 mark

Qualifying Marks: For this paper, candidates need to score at least 30%.

 ## Language Options

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हिन्दी/अंग्रेजी/उर्दू/संथाली/बंगला/मुण्डारी(मुण्डा)/हो/खड़िया/कुडूख(उरांव)/कुरमाली/ 

खोरठा / नागपुरी/पंचपरगनिया/उड़िया में से किसी एक भाषा की परीक्षा विकल्प के आधार पर अभ्यर्थी दे सकेंगे

व्याकरण- भाषा परिचय, संज्ञा, सर्वनाम, वचन, लिंग, पुरुष, क्रिया, काल, विशेषण अव्यय प्रत्यय, पहेलियाँ मुहावरे, भेनताकाथा, बुझोबोल, कुद्रुम, सजीव-निर्जीव, समोच्चरण भिनार्थक अर्थ, लकोक्ति ।

साहित्य

(i) संताली लोक साहित्य – अर्थ, परिभाषा भाग विभाग, संतालों का उद्भव और विकास, गोत्र विभाजन, – गाढ़ विभाजन, पर्वत्यौहार, संस्कार विवाह, मृत्यू ।

(ii) लोक गीत – डाहार, बाहा, सोहराय काराम, दोड, विवाह, दाँसाय

(iii) संताली शिष्ट साहित्य – कविता कुङकुरुबुद (हरिहर हाँसदा). साँवर्हेत. (बादल मुर्मू). माराडो: (सारदा प्रसाद किस्कू ), सेंगेल, विरसा मुण्डा, (के० सी० टुडू, तुपुनघाट, (रघुनाथ दुइ), साना (डमन हाँसदा), राहला रिमिल (डमन हाँसदा) चेहरा (श्यामचरण हेम्ब्रम ) ।

लोक कथा धारती सिरजाव काथा मानवा सिरजाव काथा पारिस काथा, सेंदराकारका काथा, पाराव पुना काथा।

कहानी- माड़घाटी (दिगम्बर हाँसदा) तारा आञचार (के० सी० टुडू), आनखा लाहा, (सोमानाथ बेसरा), काथा रेनाङ गोनोङ, (चमपावती टुडू)

नाटक- किरित्र सिंदुर, तिलका मुरमू ।

निबंध – सिदो कान्हू हुल, बाबा तिलका माँझी हुल, डिबा किसुन हुल, बिरसा आन्दोलन, पर्व-त्यौहार, आगिल हापड़ाम कोवाः काथा।

 

 

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